Detailed Notes on Shodashi

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Shodashi’s mantra encourages self-willpower and mindfulness. By chanting this mantra, devotees cultivate bigger Management in excess of their ideas and actions, leading to a far more mindful and purposeful approach to daily life. This reward supports personal growth and self-self-discipline.

The worship of such deities follows a certain sequence known as Kaadi, Hadi, and Saadi, with Every single goddess associated with a certain approach to devotion and spiritual apply.

Whilst the particular intention or importance of the variation may possibly differ based upon own or cultural interpretations, it may possibly typically be recognized being an extended invocation with the merged Strength of Lalita Tripurasundari.

संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा

When Lord Shiva heard about the demise of his wife, he couldn’t control his anger, and he beheaded Sati’s father. Nonetheless, when his anger was assuaged, he revived Daksha’s daily life and bestowed him using a goat’s head.

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा more info रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

Shodashi’s mantra will help devotees launch previous grudges, agony, and negativity. By chanting this mantra, persons cultivate forgiveness and psychological launch, endorsing peace of mind and a chance to go forward with grace and acceptance.

The story can be a cautionary tale of the power of want as well as necessity to establish discrimination as a result of meditation and pursuing the dharma, as we development within our spiritual route.

वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां

केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥

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